स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- अहमद हुसैन उर्फ जमाल आलम)
दस्तक अभियान में भी खोजे जाएंगे टीबी मरीज।
- 16 जुलाई से चलेगा दस्तक अभियान।
- संभावित मरीजों की पहचान कर विभाग करेगा टीबी की जांच
बलिया। जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत 16 जुलाई से दस्तक अभियान चलाया जायेगा, जिसमें टीबी के मरीजों को भी खोजा जायेगा। आशा, एएनएम व आगंनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घऱ जाकर टीबी मरीजों की पहचान और उनकी स्क्रीनिंग करेंगी। इस दौरान संभावित मरीजों की टीबी जांच करवाई जाएगी। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० जयंत कुमार का।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 16 जुलाई से चल रहा प्रदेश में दस्तक अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। हाई रिस्क क्षेत्रों में दस्तक अभियान के दौरान टीम की ओर से की गई घर-घर सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाएगी। इसमें मेडिकल टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगों से ग्रस्त मरीजों की पहचान करेंगी। इस टीम में आशा कार्यकर्ता के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मी शामिल रहेंगे। टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती भी कराया जाएगा। अगर सर्वे में ऐसे मरीज मिलते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अभियान में कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाने का निर्देश भी दिया गया है। दस्तक अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज कर उनकी जांच कराई जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनन्द कुमार ने बताया की संबंधित कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोई भी संभावित मरीज जिसे दो हफ्ते से लगातार खांसी आ रही हो ,बुखार आता हो, पसीना लगातार आता है, बलगम में खून आता हो या लगातार वजन घटने के लक्षण दिखाई दें तो ऐसे व्यक्ति को तत्काल जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर जांच के लिये रेफर किया जाए। उन्होंने बताया की अगर किसी भी प्राइवेट एमबीबीएस चिकित्सक के यहां पर किसी मरीज में क्षय रोग की पुष्टि होती है और वह उस मरीज को क्षय रोग विभाग में पंजीकृत कराता है तो उस चिकित्सक को 500 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिये जायेंगे।
जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया की इस अभियान में 2875 आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। जो संचारी रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ टीबी मरीजों की तलाश करेंगी।
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