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जिले में फिटनेस को लेकर 180 स्कूलों को नोटिस जारी।

 


स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- अहमद हुसैन उर्फ जमाल आलम)

जिले में फिटनेस को लेकर 180 स्कूलों को नोटिस जारी।

अब बसों का फिटनेस न कराने वाले स्कूलों के विरुद्ध चलेगा अभियान।

जिले के सभी स्कूल वाहनों के ड्राइवरों को दिए दिशा निर्देश-अरुण कुमार राय।

जिले में 30 वाहनों का हुआ चालान और 8 स्कूली वाहन किये सीज।

बलिया : शासन के मंशा के अनुरूप मंगलवार को परिवहन विभाग के एआईटीओ अरुण कुमार राय द्वारा स्कूल वाहन जो कि अनफिट दशा में चल रहे हैं उस पर धुआंधार कार्यवाही की गई। शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर तक 30 वाहनों का चालान और 8 स्कूली वाहन थाना कोतवाली और सुखपुरा थाना में सीज किए गए। चालान करने के दौरान एआरटीओ के द्वारा यह भी बताया गया कि यह कार्रवाई निरंतर चलती रहेगी और बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले जो भी विद्यालय अनफिट वाहनों का संचालन कर रहे हैं उन पर लगातार कार्यवाही होती रहेगी। सभी लोगों से अपील है कि वह लोग अपने वाहनों का सही समय पर सही ढंग से फिटनेस करवा ले वाहनों में जालियां लगवा लें ताकि किसी बच्चे का सर या हाथ बाहर ना निकले। जनपद में अनफिट स्कूल वाहनों से मासूम बच्चों को स्कूल लाया व वापस घर पहुंचाया जा रहा है। ठीक वैसे ही जैसे गाजियाबाद में मामला सामने आया है, जहां स्कूली  बस की खिड़की से सिर निकालने वाले बच्चे की जान तक जा चुकी है। जिले की सड़कों पर इस समय करीब 261 बस और 200 छोटे वाहन (मैजिक, टैंपो व जीप आदि) अनफिट दौड़ रहे हैं। परिवहन विभाग का भी उन्हें डर नहीं है। नोटिस जारी होने के बाद भी वह वाहनों की जांच नहीं करा रहे हैं। वह रोज कायदा-कानून तोड़ रहे हैं। उधर अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। बिना फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल किए यह वाहन फर्राटा भर रहे हैं। शनिवार को दोपहर हुई पड़ताल में स्कूल संचालकों की लापरवाही दिखी। वह बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करते हुए दिखाई पड़े। 90 फीसद वाहनों में जाली नहीं लगी थी। शहर के चित्तू पांडेय चौराहा पर ई-रिक्शा व टैंपों से बच्चे ढोए जा रहे थे। पीले रंग से भी वाहनों को कलर नहीं किया गया था। फायर फाइटिग सिस्टम तो भूल जाइए। मेडिकल किट भी नहीं था। व्यवस्था चौपट दिखाई पड़ी। जिन छोटे वाहनों से बच्चों को ले जाया जा रहा था, वह मानक पर फेल दिखा। सिकंदरपुर बस स्टैंड पर कई वाहन ऐसे दिखे, जिनकी खिड़कियों में जाली नहीं लगी थी। बैरिया के कर्णछपरा में एक मैजिक वाहन से बच्ची खिड़की से हाथ निकाले हुई दिखी। इस वाहन में भी जाली नहीं लगी थी।उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सामने आई लापरवाही, दो साल से नहीं हुआ फिटनेस : विधानसभा चुनाव के दौरान पता चला था कि अधिकांश स्कूल वाहनों का फिटनेस ही नहीं है। 180 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया था। वाहनों के अधिग्रहण के दौरान प्रशासन की सख्ती बढ़ी थी। इसके चलते 319 बसों का फिटनेस हुआ, जबकि 261 बसें आज भी बिना फिटनेस सड़क पर दौड़ रही हैं। इनका करीब दो साल से अधिक समय से फिटनेस नहीं हुआ, जबकि यह हर साल होना ही चाहिए। साथ ही कोरोना काल में वाहनों की जांच कम, बेपरवाह हो गए स्कूल : कोरोना काल के दौरान स्कूल बार-बार बंद हो रहे थे। बच्चों की संख्या कम होने के चलते स्कूल वाहनों का संचालन नहीं के बराबर था, इसके चलते परिवहन विभाग ने वाहनों के मानकों की जांच कम कर दी थी। इसके चलते स्कूल संचालक बेपरवाह हो गए। पिछले दिनों चले अभियान के दौरान 90 फीसद वाहन फिटनेस में फेल पाए गए थे। कार्रवाई शुरू हुई और 180 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया। सख्ती होने पर 319 बसों का फिटनेस कराया गया, लेकिन 261 बसें आज भी बिना फिटनेस सड़क पर दौड़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि चालक वर्दी में हो और बस व वैन की उम्र 10 वर्ष से अधिक नहीं हो, प्रदूषण सर्टीफिकेट और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हो, परमिट वैध हो जबकि ड्राइविग लाइसेंस पांच वर्ष पुराना हो, सीएनजी का नो लिकेज प्रमाण पत्र होना चाहिए, वाहन का रंग पीला हो, रिफलेक्टर टेप लगा हो और इमरजेंसी गेट की व्यवस्था जरूर हो, नंबर प्लेट साफ दिखाई दे और पायदान की ऊंचाई एक फीट से अधिक नहीं हो, खिड़की में ग्रिल लगा होना चाहिए। मेडिकल किट होनी जरूरी है। अग्निशमन यंत्र हो, लेकिन प्रेशर हार्न नहीं लगाना चाहिए। बैग रखने की जगह और बोतल रखने के लिए क्लिप हो। स्पीड गवर्नर हो, साथ ही जीपीएस सिस्टम लगा होना चाहिए।सीटों की स्थिति अच्छी हो और फायर फायटिग सिस्टम हो। स्कूल वाहन की खिड़कियों पर ग्रिल और जाली लगी होनी चाहिए।  स्कूल बस के पीछे स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। दरवाजे में ताला लगा हो और सीटों के बीच पर्याप्त जगह होनी चाहिए। साथ ही फिटनेस नहीं कराने वाले स्कूल बसों के मालिकों को नोटिस जारी किया गया है। अब बसों का फिटनेस न कराने वाले स्कूलों के विरुद्ध अभियान चलेगा। मुकदमा दर्ज होगा। बसें सीज की जाएंगी। मानक विहीन वाहनों से बच्चों को स्कूल ले जाने वाहनों की भी खबर ली जाएगी। जिले में नवंबर से फिटनेस को लेकर नोटिस जारी किया जा रहा है।