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बुखार में सीधे लें डाक्टर से परामर्श, झाड़ फूख तंत्र मंत्र के चक्कर में न पड़े

 

स्वतंत्रविचार 24 ( न्यूज़ डेस्क बलिया )

बुखार में सीधे लें डाक्टर से परामर्श, झाड़ फूख तंत्र मंत्र के चक्कर में न पड़े

0 जिले के 54,839 की हुई स्लाइड और किट से जाँच 12 मलेरिया, 16 डेंगू के मरीज मिले
 
0 ग्रामीण अंचलों में आशा, बीएसडब्लू, द्वारा ग्राम भ्रमण के दौरान किट और स्लाइड बना की जा रही जाँच  

मऊ। मानसून के बाद से वायरल और मच्छर जनित रोगों के बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अति सतर्क है। इसी क्रम में बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग विविध प्रयास कर रहा है। जिले में जनवरी से अक्टूबर तक 16 डेंगू रोगी मिले हैं। यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। मच्छर काटने के करीब 6 दिन बाद हड्डियों का दर्द और त्वचा पर चकत्ते समेत डेंगू के कई लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल ने दी।
सीएमओ ने बताया कि बरिश के बाद इस बुखार के मरीज बढ़े हैं। इसमें पूरे जनपद में जनवरी से अक्टूबर तक 54,839 लोगों की आशा, बीएचडब्लू, द्वारा ग्राम भ्रमण के दौरान किट और स्लाइड बनाकर जांच की गई। लैब में एलटी और एलए प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया। इसमें 12 मलेरिया के धनात्मक मरीज, 793 संभावित मरीजों की डेंगू किट से जांच में 16 डेंगू के मरीज पॉजिटिव मरीज मिले थे। सभी इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सामान्यतः यह एडीज मच्छर दिन में काटता है। इससे ग्रसित मरीजों को इतना दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट रही हो। जल जमाव वाले जगहों पर एडीज मच्छरों को पैदा होने के अनुकूल होता है। मच्छरों के काटने वाली जगहों पर शरीर को ढक कर रखें। सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें, अपने पास कूलर, गमले और टायर आदि में पानी न रहने दें। कूलर या पानी वाली जगहों पर जला हुआ मोबिल या किरासन तेल या मच्छर भगाने का पाउडर का छिड़काव करें। पानी की टंकियों को सही तरीके से ढक कर रखें। खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं। घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें। डेंगू के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, तेज सिरदर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, डायरिया है। ऐसे लक्षण दिखने पर सीधे जिला चिकित्सालय या अपने समीप के सामुदायिक स्वा.केन्द्रों पर पहुंचकर चिकित्सक से परामर्श लें और झाड़ फूख तंत्र मंत्र के चक्कर में नहीं पड़े।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल वेक्टर बार्न डॉ आरवी सिंह ने बताया कि बरसात के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम द्वारा निरोधात्मक कार्यवाही के साथ जनजागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर पीड़ित मरीजों के रक्त नमूनों की जाँच, क्लोरिन की गोली का वितरण, ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वीसाइडल छिड़काव किया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि आज़मगढ़ के सदर अस्पताल एसएसएल लैब में निःशुल्क है। जिसने भी डेंगू की कार्ड द्वारा जाँच कराया है और कार्ड से जांच में धनात्मक पाया गया है तो वह आजमगढ़ जिला अस्पताल में जाकर निःशुल्क एलाइजा जाँच करा कर डेंगू की पुष्टि कर सकता है।
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