स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-– हाजी वकील अहमद अंसारी)
बेकार रसड़ा कताई मिल भूमि में बने विद्युत पारेषण केंद्र से जगमगाने वाले हैं कई जिलों के इलाके : इंतज़ार खतम
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रसड़ा (बलिया ) वर्षों से बन्द व बेकार पड़ी रसड़ा कताई मिल भूमि परिसर की किस्मत अब जाग चुकी है । वर्तमान में इस परिसर में अब में 400 केवीए का पारेषण उपकेंद्र बनकर तैयार हो गया है। जिससे प्रयोग के तौर पर आपूर्ति भी की ण
चालू हो गई है । सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते में इसे चितबड़ागांव विद्युत उपकेंद्र से जोड़ दिया जाएगा। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा जीआईएस सिस्टम्स वाले इस नव निर्मित 400 केवीए वालू विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। 10.50 हेक्टेयर भूमि में 425 करोड़ की लागत से बनने वाले इस परियोजना को अगस्त 2019 तक तैयार कर देना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसकाऊ काम समय पर पूरा नहीं हो सका, अभी भी इसे विधिवत रूप से तैयार होने में अभी तीन से चार महीने का समय लगना बताया जा रहा है । इससे 220 एवं 132 केवीए के पारेषण विद्युत उपकेंद्रों को आपूर्ति किया जाना कहा जा रहा है।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद बलिया जनपद के अलावा मऊ एवं गाजीपुर जिले के लोग भी लाभान्वित होंगे । इस विद्युत उपकेंद्र से रसड़ा रेलवे को भी विद्युत देने का कार्य प्रगति की ओर अग्रसर है । विद्युत विभाग के एसडीओ शशि गौरव के अनुसार इस परियोजना का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है तथा 30 अप्रैल से यहां से कुछ विद्युत सब स्टेशनों पर विद्युत सप्लाई जारी है, यदि शेष कार्यों को पूर्ण करने के लिए समय अनुकूल रहा तो तीन से चार माह में यह परियोजना पूरी क्षमता से विद्युत आपूर्ति करने लगेगा। रसड़ा जेई अखिलेश कुमार के मुताबिक अभी फिलहाल रसड़ा, गढ़िया, तलवल पावर हाउस के अलावा गाजीपुर में 220 केवीए एवं कासिमाबाद में 132 केवीए की विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। भदौरा के 220 केवीए एवं बड़ागांव रानी(मऊ) के 132 केवीए आपूर्ति के लिए भी काम लगभग पूर्ण हो गया है जल्द ही इन्हें भी विद्युत आपूर्ति शुरू की जाएगी। इस परियोजना के पूरी क्षमता से चलने के बाद बलिया जिले के अलावा मऊ व गाजीपुर जिले में भी विद्युत आपूर्ति की समस्या काफी हद तक सुधर जायेगी ।
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