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हिंदी हमारी संस्कृति ही नहीं बल्कि शिष्टाचार की भी जननी है - कृष्णकांत पाठक

 

स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- संदीप कुमार गुप्ता)

हिंदी हमारी संस्कृति ही नहीं बल्कि शिष्टाचार की भी जननी है - कृष्णकांत पाठक

दुबहर, बलिया (स्वतंत्रविचार 24) -  हिंदी दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन नेहरू युवा केंद्र बलिया के दिशा निर्देश में क्षेत्र के शहीद मंगल पांडेय राजकीय महिला महाविद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि मंगल पांडेय विचार सेवा समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश्वर कुमार ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कृष्णकांत पाठक ने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति ही नहीं बल्कि शिष्टाचार की भी जननी है। हिंदी के महत्व के विषय में बताते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से आज तक भारतीयता की संकल्पना के विकास में हिंदी अपनी महती भूमिका निभा रही है।
इस मौके पर डॉ.चंडी प्रसाद पांडेय,डॉ.धनंजय सिंह, डॉ. विवेक सिंह,डॉ.रोहित सिंह, डॉ. हसीन अहमद आदि मौजूद रहे। संचालन एनएसएस प्रभारी डॉ. रजनीकांत तिवारी ने किया।