स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- आशुतोष कुमार पांडेय)
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दिन AD आजमगढ़ के द्वारा जांच किया गया अवचक निरीक्षण।
चिलकहर (बलिया)-
चिलकहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बूधवार के दिन AD आजमगढ़ के द्वारा जांच किया गया जिसमें प्रभारी डां0 प्रशांत के गैर मौजूदगी पर नाराज़गी ब्यक्त की तो वहीं हास्पिटल में साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिऐ निर्देशित किया हास्पिटल के जांच के क्रम में फर्माशिष्टो से दवाई के बारे में जानकारी हांसील किए तो लैब टेक्नीशियन से रोज कितने मरिजो का जांच होता है पूच्छे जाने पर घडबडाहट में ज़बाब दिए जाने पे रजिस्टर का जांच किए वहीं प्रत्येक दिन का डाटा तैयार करने का निर्देश दिए जिलकहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर स्थिति में हैं वर्षा होने पर हास्पिटल चूने लगता है लिंटर छत का सेलिंग गिरने से कभी भी अप्रिय घटना घटीत हो सक्ता है जिस वार्ड में मरिजो का उपचार किया जाता है उसमें सौचालय कि स्थिति भी जर्जर है बारिश के दिनों में सौचालय में बारिश का पानी भर जाता है AD ने हास्पिटल में लगे बेड और स्ट्रेचर बदलने के निर्देश दिए चिलकहर स्वास्थ्य के अलावा और अन्य पांच न्यू पीएससी के भी बारे में जानकारी हासिल की हिन्दुस्तान से खास बात में AD ने कहा की यह हास्पिटल बूरे दौर से गूजर रहा है और यहां पर कोई भी घटना घटीत हो सक्ती हैं ,हम लोगों के द्वारा सरकार को इसके बारे में जानकारी दी गई है जबकी 2006 में 30 बेड की चिलकहर में PAC बनाने के लिऐ काम चालू हूआ जो आज भी अधूरा है,AD ने कहा की हास्पिटल बनवाना ,चालू कराना सरकार का काम है हम लोग कूछ नहीं कर सकते ,उल्लेखनीय है की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिलकहर का निर्माण कार्य 15 वर्षो के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। मुख्यभवन का अभी तक केवल 40 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है। जबकि निर्माण के लिए शासन द्वारा तीन करोड़ से अधिक की धनराशि अवमुक्त की चुकी है। कार्ययोजना के तहत इसे दो साल की अवधि में पूरा करने का निर्णय लिया गया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिलकहर के निर्माण कार्यका शिलान्यास वर्ष 2006 किया गया था। जिसे अधिकतम वर्ष 2008 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन अभी भी मुख्यभवन का केवल 40 प्रतिशत ही काम पूरा हो सका है। इस पर अभी तक 3 करोड़ 23 लाख 11 हजार रुपये खर्च किए जा चुके हैं। स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण की स्वीकृति 21 अप्रैल, 2006 को मिली थी। जिसके लिए शासन द्वारा 163.36 लाख रुपए अनुमोदित था । प्रथम किश्त के रूप में 114.36 लाख की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। वित्त नियंत्रक द्वारा तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निवर्तन पर 112.85 लाख अवमुक्त किया गया था। जो त निर्माण इकाई को उसी समय ही हस्तांतरित कर दिया गया था। भवन के विद्युतीकरण के लिए 29 अगस्त 2006 को वाह्य विद्युत कनेक्शन के लिए 1.50 लाख रुपए अवमुक्त किया गया था जिसे निर्माण इकाई को प्राप्त करा दिया गया था। अवशेष धनराशि रुपए 49.01 लाख शासनादेश दो जून, 2007 को मुख्य चिकित्साधिकारी के निवर्तन पर धनराशि आवंटित की गयी थी।केन्द्र का निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए दो वर्ष कीसमय सीमा निर्धारित की गई थी। परियोजना प्रबंधक संजय वर्मा ने अप्रैल 2012 में मुख्य भवन न बनाकर टाइप-1 व टाइप-2 का काम प्रारम्भ कर दिया गया था। जिसके कुछ दिन पश्चात ही निर्माण कार्य बंद करा दिया गया। बैठकों में लिए गए निर्णयों के बाद चार चिकित्सक आवास, दो तल में छत लगाकर छोड़ दिया गया।इस तरह मुख्य भवन का लगभग 40 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया। जबकि निर्माण इकाई द्वारा पुनरीक्षित स्वीकृतआगणन 272.60 लाख के आधार पर अतिरिक्त धनराशि 109.24 लाख वर्ष 2013-14 में आहरित कर उन्हें दिया जा चुका है। निर्माण इकाई की अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार लगभग सम्पूर्ण धनराशि अब तक व्यय की जा चुकी है।
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