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दो दिनों की बारिश ने जनजीवन को किया अस्त-व्यस्त।

 


सड़कों तथा दुकानों पर पसरा रहा सन्नाटा।

खेतों में लहलहाते धान की फसल पर संकट मंडराया।

चिरैयाकोट (मऊ), स्थानीय नगर व आसपास के क्षेत्रों में लगातार बारिश होने के कारण जलजमाव की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। शुक्रवार की रात को लगभग 2 बजे शुरू हुई बरसात ने लगातार शनिवार को अपराह्न लगभग 4 बजे तक अपना कहर बरपाना जारी रखा। दो दिनों से घरों में कैद लोगों ने शनिवार को अपराह्न बारिश थमने पर राहत की सांस लिया और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटी। क्योंकि बारिश के बच्चों का भी खेलना कूदना बंद हो गया था। परंतु लगातार 38 घंटे तक अनवरत हुई वर्षा आम लोगों और किसानों के लिए मुसीबत बन गई। इस बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जितने भी तालाब और पोखरियां हैं,सब पानी से लबालब भर गये हैं। जिसके कारण जल निकासी की भी एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई।

 नगर पंचायत कार्यालय, थाना परिसर,बैरक, थानाध्यक्ष आवास,थाने का कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरैयाकोट,दरियापट्टी, कुरैशी मुहल्ला,जमीन दुर्गा आदि जगहों पर भारी जलजमाव हो गया है। जिसके चलते पुलिसकर्मियों, चिकित्सकों और नगरवासियों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर में जल निकासी की सही व्यवस्था न होने तथा जगह-जगह ढलान होने के कारण जल जमाव हो गया। वहीं भारी वर्षा के बीच जल जमाव को देखते हुए को नगर पंचायत प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था कर के जगह-जगह से पंपिंग सेट द्वारा पानी निकलवाया जा रहा है। साथ ही अधिशासी अभिकारी मनोज कुमार शनिवार को बरसात में भीगते हुए सफाई कर्मचारियों के साथ दिन भर जल निकासी की व्यवस्था कराते रहे और कर्मचारियों को दिशा-निर्देश देते रहे। वहीं असमय हुई इस तरह की बरसात से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।

क्योंकि खेतों में धान की लहलहाती फसल तैयार हो चुकी है।जिसकी कटाई होने वाली है। परंतु इस बरसात के कारण धान की खड़ी फसल खेतों में गिर गई है। जिससे उनके खराब होने का अंदेशा बना हुआ है। वहीं इस बारिश के कारण गेहूं और आलू के फसल की समय से बुआई हो पाना किसानों के लिए एक और चिंता का कारण बन गई है।


रिपोर्ट :-- अशोक कुमार एडवोकेट