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अंग्रेजी सेना के अत्याचारों से कुपित होकर शहीद मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को बगावत का बिगुल फूंका।

 

स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- संदीप कुमार गुप्ता)

अंग्रेजी सेना के अत्याचारों से कुपित होकर शहीद मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को बगावत का बिगुल फूंका।

दुबहर, (बलिया) - शहीद मंगल पांडे क्रांति दिवस पर 29 मार्च दिन बुधवार को मंगल पांडे विचार सेवा समिति के सदस्यों ने शहीद मंगल पांडे के पैतृक गांव नगवा स्थित उनके स्मारक पर जाकर उनकी आदमकद प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर  श्रद्धांजलि अर्पित की । इस मौके पर मंगल पांडे विचार सेवा समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक ने कहा कि आज ही के दिन 29 मार्च 1857 को शहीद मंगल पांडे ने अंग्रेजी सेना के अत्याचारों से कुपित होकर बगावत का बिगुल फूंक कर अनेक अंग्रेज अफसरों को मौत के घाट उतार दिया था । उनके बगावत के परिणाम स्वरूप भारतीयो में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी फूट पड़ी  जिसके परिणाम स्वरूप देश में जगह-जगह अंग्रेजी सरकार की मुखालफत होने लगी और भारतीयों ने अंग्रेजों को भारत से भगाने का बीड़ा उठा लिया, जिसके परिणाम स्वरूप 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हो गया ।
 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम चिंगारी शहीद मंगल पांडे ने अपने प्राणों की आहुति देकर जलाने का काम किया । ऐसे वीर रणबांकुरे शहीद मंगल पांडे हमारे  धरती के लाल थे। ये हमारे लिए गौरव की बात है । इस मौके पर मुख्य रुप से केके पाठक, अरुण कुमार, विवेक सिंह, गणेशजी सिंह, राधा कृष्ण पाठक, नितेश पाठक, रविंद्र पाल "मुखिया", रणजीत सिंह, विनोद पासवान, क्षेत्र पंचायत सदस्य पवन गुप्ता, अरुणेश पाठक, हरिशंकर पाठक, अनिल पाठक, डॉ सुरेश चंद्र प्रसाद, संजय जायसवाल सहित अनेक लोग उपस्थित रहे ।