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जनजातीय गौरव दिवस उत्सापूर्वक मनाया गया।

 

स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- अहमद हुसैन उर्फ जमाल आलम)

जनजातीय गौरव दिवस उत्सापूर्वक मनाया गया।

बलिया। भारत सरकार द्वारा धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा जी की 148वीं जयन्ती, ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाये जाने पर बलिया जिले के भी आदिवासी (जनजाति) गोंड, खरवार समुदाय के लोग काफी हर्षित, उत्साहित व प्रशन्नचित्त हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में गोंडवाना स्टूडेन्ट्स सेवा समिति व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संयुक्त तत्वावधान में बलिया कलेक्ट्रेट स्थित अम्बेडकर संस्थान के समीप जनजाति गौरव दिवस पूरे उत्साहपूर्वक मनाया गया। सर्वप्रथम आदिवासी उलगुलान के जनक धरती आबा वीरसा मुण्डा जी के चित्र पर फूल माला श्रद्धांसुमन अर्पित कर विरसा मुण्डा विचारधारा जिन्दाबाद, जनजातीय गौरव दिवस जिन्दाबाद, वीरसा मुण्डा, रामजन्म गोंड, छठ्ठू खरवार अमर रहें के जोरदार नारे लगाये गये। अध्यक्षता गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड तथा संचालन गोंडवाना स्टूडेन्ट्स सेवा समिति के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार गोंड ने किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के बतौर सम्बोधित करते हुए इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (आईपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अरविन्द गोंडवाना ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम उलगुलान आन्दोलन में जनजातियों का गौरव बुलंद है, बुलंद रहेगा, विरसा मुण्डा का आन्दोलन आमार माटी-आमार राज। आदिवासियों का हो, जल, जंगल, जमीन पर           हो जन्मसिद्ध अधिकार। अंग्रेजी सरकार के साथ-साथ देशी साहूकारों से भी मुक्ति का आन्दोलन उलगुलान आन्दोलन के रूप में सामने आया। आगे कहा कि विरसा मुण्डा के संघर्ष, बलिदान से प्रेरणा लेकर भारत मुक्ति का स्वतंत्रता संग्राम का आन्दोलन राष्ट्रव्यापी फैल गया। इसी क्रम में 19़42 भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान बैरिया थाने पर रामजन्म गोंड, छठ्ठू खरवार भी अंग्रेजों की गोली से शहीद हो गये जो जनजातीय गौरव में प्रेरणास्रोत है। अरविन्द गोंडवाना ने आगे कहा कि बलिया जिले के जनजातीय गोंड, खरवार समुदाय के           संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए और सुगमतापूर्वक जनजाति प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए विरसा मुण्डा से प्रेरणा लेकर उलगुलान आन्दोलन प्रारम्भ किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन की होगी। गोंडवाना विचारक छितेश्वर गोंड जी ने कहा कि आजादी के दौरान अपने प्राणों के आहूती देने वाले गोंड खरवार समुदाय के साथ आज आजाद भारत में दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। उत्पीड़न चरम पर है। गोंडवाना स्टूडेन्ट्स सेवा समिति के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार गोंड ने कहा कि भारत के राजपत्र संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन अधिनियम-2002 द्वारा बलिया जिले में निवास करने वाले गोंड, खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गयी है जिसके अनुपालन में गोंड, खरवार समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र तहसीलदार कार्यालय से जारी होता रहा है लेकिन इस समय वर्तमान में गांेड, खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने में लेखपालगण द्वारा हीला-हवाली, अनावश्यक रूप से परेशान व उत्पीड़न किया जा रहा है। भारत के राजपत्र, संविधान/शासनादेश की घोर अवहेलना करते हुए गोंड, खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किया गया। प्रशासनिक अधिकारी ने ज्ञापन आकर स्वीकार किया। जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड, उपाध्यक्ष सुचित गोंड़, तहसील अध्यक्ष संजय गोंड, आईपीएस के जिलाध्यक्ष सुरेश शाह, जिलाधर्माचार्य सुदेश शाह, रामसेवक खरवार, रामचन्दर गोंड, रामनरायन गोंड, चन्दन गोंड, संदीप गोंड, संजय गोंड, छात्र मौर्चा के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार गोंड, रंजीत गोंड, नर्सिंगराम गांेड, श्रीभगवान गोंड प्रमुख रूप से सम्बोधित किये।