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जनपद में हर्षोल्लास साथ मनाया गया विश्व उर्दू दिवस।

 

स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- अहमद हुसैन उर्फ जमाल आलम)

जनपद में हर्षोल्लास साथ मनाया गया विश्व उर्दू  दिवस।

     बलिया अंजुमन तरक़्क़ी-ए-उर्दू के तत्वाधान में विश्व उर्दू दिवस के उपलक्ष्य में आज तालीम-ए-फ़रोग़ निस्वाँ, निकट रेलवे क्रासिंग उमरगंज बलिया में एक जलसा-ए-आम एवं सेमिनार का आयोजन किया गया। जलसे का आग़ाज़ हाफिज बेलाल सिद्दीक़ी के तिलावत-ए-कलामपाक व अब्दुर्रक़ीब फलाही, पीरो बिहार के हम्द-ओ-नात के कलाम से हुआ।
       अंजुमन के नायब सदर डॉo मज़हर आज़मी ने उपस्थित सभी उर्दू प्रेमियों का इस्तक़बाल कर खुश आमदीद कहा। जलसे के मुख्य अतिथि डिप्टी कलेक्टर एoआरo सिद्दीक़ी ने उर्दू के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसे खालिस हिंदुस्तानी भाषा बताया।
      बतौर विशिष्ट अतिथि ज़िला प्रोबेशन अधिकारी श्री मुमताज़ अहमद ने नौजवान नस्लों की कॉउंसलिंग कर शिक्षा के 
क्षेत्र में उचित दिशा के चुनाव करने पर बल दिया। डॉ0 मसूद ग़ाज़ीपुरी ने उत्तर प्रदेश में उर्दू की समस्या और उसके समाधान के विषय पर अपना एक ठोस दृष्टिकोण पेश किया। श्री जावेद अख्तर ने अल्लामा इक़बाल की शायरी में जज़्बाए हुबुलवतनी पर शानदार मकाला प्रस्तुत किया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पीoआरoओo प्रोo जैनेन्द्र पांडेय ने हिंदी और उर्दू के रिश्ते पर परिचर्चा करते हुए उर्दू को एक इंक़लाबी ज़ुबान एवं इक़बाल को इंक़लाबी शायर क़रार दिया। मशहूर खाका निगार डॉo शकील ने उर्दू मुहावरों को घरेलू जीवन मे प्रयोग करने व नई पीढ़ी को उर्दू सीखने की ज़िमेदारी शिक्षित माताओं को सौंपी। हिंदी साहित्यकार डॉo जनार्दन राय ने उर्दू को प्यार व मुहब्बत की ज़ुबान बताते हुए सिर्फ मुसलमानों की भाषा कहने वालों की मज़म्मत कर उन्हें उर्दू का इतिहास जानने की हिदायत दी।कुंवर सिंह इण्टर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य श्री शशिप्रेम देव जी ने अंजुमन तरक़्क़ी-ए-उर्दू की प्रौढ़ शिक्षा के तेहत "उर्दू पाठशाला" की तारीफ करते हुए उर्दू भाषा सीखने में हुए लाभ का वर्णन करते हुए अपनी ग़ज़ल प्रस्तुत किया। मथुरा डिग्री कॉलेज की प्रोo डॉo आलिया सिद्दीकी , कादम्बनी सिंह व ज़ाकिर बलियावी ने अपने गीत और ग़ज़ल से उपस्थित जन का खूब मनोरंजन किया। अंजुमन के सदर श्री नूरुल हुदा लारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी अतिथि एवं उर्दू प्रेमियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उर्दू को उसका हक़ दिलाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा, केवल हुक़ूमत को ज़िम्मेदार ठहराने से कुछ नही होगा बल्कि सभी भारतीय भाषाओं के सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है। सभा के संचालन की जिम्मेदारी अंजुम के सेक्रेटरी डॉo अब्दुल अव्वल ने निभाई।

[ अंजुमन का विस्तार एव हिंदी उर्दू शिक्षक पुस्तक का भी किया गया वितरण ]

         अंजुमन के जिला कार्यकारणी में विस्तार कर अजयकांत राय व रामप्रकाश सिंह को उपाध्यक्ष जबकि मुमताज़ अहमद को ऑडिटर एवं बलिया सदर की जिम्मेदारी वकील अहमद अंसारी, बैरिया में मुहम्मद मुस्तफा, बेल्थरारोड में नौशाद अहमद व सोहराब अहमद, सिकंदरपुर में ज़हीर आलम व वसी अहमद, बांसडीह में एहसानुल हक़ को जिम्मदार बनाया गया | इसके अतिरिक्त उर्दू टीचर्स एशोसिएशन के पुनर्गठन हेतु सुहेल अहमद खान व शाहिद परवेज को संयोजक नियुक्त किया गया। अंजुम के संरक्षक डॉo हैदर अली खान ने उर्दू सीखने के ख्वाहिशमंद लोगों में "हिंदी-ऊर्दू शिक्षक" की 100 प्रतियां भेंट कर उर्दू पाठशाला के कामयाब संचालन हेतु मुबारकबाद दिया।

[ मऊ के डॉo शकील अहमद को अंजुमन तरक़्क़ी-ए-उर्दू बलिया ने लाइफ टाइम एवार्ड से भी नवाजा ]

       विश्व उर्दू दिवस के अवसर पर उर्दू भाषा व साहित्य विशेषकर उर्दू शिक्षण, जीवनी, आलोचना एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में जनपद मऊ के डॉo शकील अहमद उत्कृष्ट कार्य हेतु "लाइफ टाइम अचीवमेंट एवार्ड" से मुख्य अतिथि श्री एoआरo सिद्दीकी व विशिष्ट अतिथि मुमताज़ अहमद, डॉo जनार्दन राय, डॉo जैनेन्द्र पांडेय की उपस्थिति में नवाजा गया । इस अवसर पर फ़तहचंद्र बेचैन व तेजनारायण जी को आपसी भाई चारा हेतु सद्भावना सम्मान अंजुमन की ओर से दिया गया | अहकम ग़ाज़ीपुरी व इफ्तेखार ग़ाज़ी को उर्दू के विकास हेतु किये गए कार्य के आधार पर सम्मानित किया गया |
          इस अवसर पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयोजक श्री राजेश सिंह, अतीकुर्रहमान खां, शमीम अहमद खां, नसीम अहमद खां, मोo मतीउर्रहमान, अब्दुल मोमीन, अजयकांत, मुमताज अहमद, डाo असद अंसारी, रामप्रकाश, शाहिद परवेज़ अंसारी, अकीलुर्रहमान खां, अल्ताफ अहमद, मुo नौशाद, मुo सोहराब, अब्दुल कलाम, मुo खुर्शीद, अब्दुल आखिर, अब्दुल क़ुर्बान, डॉo जियाउल हुदा, डॉo हाफिजुल्लाह, मोo मुस्तफा, अली अख्तर, ज़हीर आलम अंसारी, विनय राय, मु0 आरिफ, डॉo इफ्तेखार खान, मुo फ़ैयाज़ खां, आसिफ अली, दानिश जमाल के अतिरिक्त बड़ी संख्या में उर्दू प्रेमी उपस्थित रहे।