Ad Code

Responsive Advertisement

उतार लिए 10.94 लाख, भवन अधूरा छोड करा लिए स्थानान्तरण।

 

स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- ओम प्रकाश वर्मा)

उतार लिए 10.94 लाख, भवन अधूरा छोड करा लिए स्थानान्तरण।


 नगरा ( बलिया) : एक ही छत के नीचे ग्रामीणों को सभी सरकारी विभागों की सेवाएं उपलब्ध कराने की अपनी मंशा को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 दिनों में सभी ग्राम सचिवालयों को पूरी तरह चालू करने और उनमें आनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इससे इतर नगरा ब्लाक के अधिकारी सचिवालय के निर्माण में धन का बंदरबांट करने में जुटे हुए हैं। इसका जीता जागता प्रमाण पडरी ग्राम पंचायत का आधा अधूरा पंचायत भवन है। पंचायत भवन का निर्माण कार्य प्रशासकीय व्यवस्था में मार्च 2021 में शुरु किया गया था। एक साल बीत गया आज भी भवन अधूरा है। भवन की दिवारें खडी कर तत्कालीन सचिव व प्रशासक की मिलीभगत से 10.94 लाख आहरण कर लिया है। इस मामले में अपनी गर्दन फंसती देख सचिव ने आनन फानन में अपना स्थानान्तरण अन्य ब्लाक में करा लिया है। इस प्रकरण का दुखद पहलू तो यह है कि यहां के जिम्मेदार अधिकारियों ने सचिव को कार्यमुक्त भी कर दिया। 13 सितंबर 2021 को नई सचिव से चार्ज का आदान प्रदान भी हो चुका है। अब अधिकारी लीपापोती करने में जुट गए हैं।
निर्माण का क्या है मानक-
पंचायत भवन के लिए स्वीकृत धनराशि - 22. 53 लाख
आहरित धनराशि-10.94 में भवन का लिंटर होने के साथ ही  जंगला, खिडकी, रंगाई,फर्स का कार्य हो जाना चाहिए, किंतु केवल दिवारें हीं खडी की गईं हैं। सामग्री की आपूर्ति न होने से छत की ढलाई के लिए किया गया सटरिंग को मजदूरों ने उतार लिया था। शेष बची धनराशि में बाउंड्री, बिजली, ट्रांसफार्मर, पंखा, सोलर पैनल,  आंतरिक जलापूर्ति अन्य कार्य कराया जाना है।
पंचायत भवन के निर्माण में तत्कालीन सचिव ने जितना धन का आहरण किया है उसके सापेक्ष कार्य नही हुआ है। ततकालीन सचिव को चाहिए कि धन के सापेक्ष निर्माण कार्य कराएं।
जयप्रकाश यादव                  ग्राम प्रधान
पडरी
पडरी के पंचायत भवन के निर्माण हेतु प्रयास किया जा रहा है। बहुत शीघ्र ही निर्माण पूरा हो जाएगा। स्थानान्तरित तत्कालीन सचिव को पत्र जारी किया गया है।
प्रमोद कुमार सिंह
एडीओ पंचायत
नगरा
फोटो- बंदरबांट की कहानी बयां कर रहा पडरी का छत विहीन पंचायत भवन