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आदिवासी जनजाति समुदाय को नगर निगम, नगर पालिका परिषद चुनाव में आरक्षण न देना भाजपा सरकार की आदिवासी जनजाति विरोधी मानसिकता का परिचायक।

 


स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- अहमद हुसैन उर्फ जमाल आलम)

आदिवासी जनजाति समुदाय को नगर निगम, नगर पालिका परिषद चुनाव में आरक्षण न देना भाजपा सरकार की आदिवासी जनजाति विरोधी मानसिकता का परिचायक।

बलिया। इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (आईपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री उत्तर प्रदेश प्रभारी अरविंद गोंडवाना ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आदिवासी जनजाति विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में होने वाले नगर निकाय, नगर पालिका परिषद के चुनाव में आदिवासी जनजाति समुदाय के लिए वार्ड पार्षद/सभासद के चुनाव में एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है जबकि पिछले बार वार्ड सदस्य/सभासद के लिए अनुसूचित जनजाति की भी सीटें आरक्षित थीं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने नगर निकाय, नगर पालिका परिषद में अनुसूचित जनजाति के लिए एक भी सीट आरक्षित न कर आदिवासी जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर डाका डालने का काम किया है। अरविंद गोंडवाना ने आगे कहा कि पिछले 2017 के नगर निकाय, नगर पालिका परिषद के चुनाव में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कई सीटें आरक्षित थीं जबकि इस बार एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। एक तरफ भाजपा सरकार जनजाति गौरव दिवस मनाने का ढोंग करती है तो वहीं दूसरी तरफ आदिवासी जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने का काम कर रही है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के आदिवासी जनजाति समुदाय के लोगों को भी संगठित होकर अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए खुद सड़क पर उतरकर संवैधानिक लोकतांत्रिक तरीके से संगठित संघर्ष करने और एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में गोलबंद होने की आवश्यकता है तभी देश के आदिवासी जनजाति समुदाय के  संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सकती है। अरविन्द गोंडवाना ने आगे कहा कि ‘‘यदि सभी पीड़ित संगठित हो जायं तो पीड़ित ही पावर बन जाते हैं।’’ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज साह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार में आदिवासी जनजाति समुदाय का उत्पीड़न चरम पर है। एक-एक करके प्रदेश के जनजातीय समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने का काम भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है। अंग्रेजों से देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूति देने वाले आदिवासी जनजाति समुदाय ही आज अपने ही मूल देश में दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह गये हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी युवा मोर्चा के नौजवान प्रदेश भर में गांव-गांव में जाकर आदिवासी समुदाय को संगठित करने व उनके संवैधानिक अधिकारां की रक्षा करने के लिए उन्हें जागरूक करने का काम कर रहे हैं।