स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- अहमद हुसैन उर्फ जमाल आलम)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बलिया नगर के तत्वावधान में विजयादशमी उत्सव व शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया।
बलिया, .
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बलिया नगर के तत्वाधान में बुधवार को शहर के टाउन हॉल (बापू भवन) के सभागार में विजयादशमी उत्सव व शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता गोरक्षप्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह श्री वीरेंद्र जी का पाथेय प्राप्त हुआ तथा इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय स्टेट बैंक के अवकाश प्राप्त अधिकारी श्री ओम प्रकाश चौबे जी द्वारा किया गया। सर्वप्रथम मुख्य वक्ता श्री वीरेंद्र जी, श्री ओम प्रकाश चौबे व मा. नगर संघचालक द्वय मा. बृजमोहन सिंह व श्री परमेश्वरनश्री द्वारा भारत माता, माँ दुर्गा, भगवान राम, परम पूज्य आद्य सरसंघचालक डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार व माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन के बाद शस्त्र पूजन किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ
इस अवसर पर विजयादशमी उत्सव के महत्व की विस्तृत व्याख्या करते हुए मुख्य वक्ता श्री वीरेंद्र जी ने बताया कि उत्सवों द्वारा सुप्त स्फूर्ति केंद्रों का पुनर्जागरण, अखिल भारतीय राष्ट्रीय दृष्टि का निर्माण, समाज द्वारा संघ को निकट से देखने व समझने का अवसर व समाज संघ के लिए पोषक वायुमंडल का निर्माण होता है। नए व्यक्तियों को संगठन से जोड़ने का स्वर्णिम अवसर व कार्यकर्ता प्रशिक्षण में सहयोग ही प्राप्त होता है। परम पूज्य आद्य सरसंघचालक डॉ केशव राव बलिराम हेडगेवार जी ने संघ में छह उत्सवों की योजना की। ये छह उत्सवों में प्रथम वर्ष प्रतिपदा, द्वितीय हिन्दू साम्राज्य दिवस, तृतीय श्रीगुरु पूर्णिमा, चतुर्थ रक्षाबंधन, पांचवां आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला विजयादशमी उत्सव है जिसके निमित्त आज हम सभी एकत्रित हुए हैं और छठवां उत्सव मकर संक्रांति का है।
हम सभी जानते हैं कि हमारे रग-रग में, कण-कण में रोम-रोम में भगवान राम बसते हैं। क्या सुख क्या दुख हर समय भगवान राम को याद करते हैं। जो राम का आदर्श है, चरित्र है, धैर्य है, पराक्रम है उस के नाते वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाये। उन्होंने आगे बताया कि अपनी परंपरा में आश्विन शुक्ल दशमी अक्षय स्फूर्ति का एक दिवस है। इसी दिवस को नवरात्रि तथा विजयादशमी का उत्सव मनाया जाता है। यह शक्ति उपासना का पवित्र दिन है। दैवी व दानवी प्रवृत्ति में संघर्ष तथा दैवी प्रवृत्ति द्वारा दानवी प्रवृत्ति पर विजय का अनादि काल से अनेक घटनाओं द्वारा संजीवित किया गया यह दिव्योज्जवल प्रतीक है। विजय की अदम्य प्रेरणा इसके द्वारा उत्पन्न होती है। दुर्गा देवी ने इसी दिन आसुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त की थी। भगवान श्रीराम ने सामान्य लोगों को संगठित कर सभी मानवीय मूल्यों को कुचलकर रख देने वाले, अत्याचारी, साधन संपन्न व उन्मत्त रावण को इसी दिन रक्त स्नान कराया था तथा तैतीस कोटि देवताओं को मुक्त किया था। इसी उपलक्ष्य में विजयादशमी उत्सव मनाया जाता है जो की प्रत्यक्ष शक्ति का, सामर्थ्य पूजन है। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए विजयादशमी का महत्व अनन्य व असामान्य है, क्योंकि आज से 97 वर्ष पूर्व विजयादशमी के ही दिन सन 1925 में आद्य सरसंघचालक परम पूज्य डॉ केशव राव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में संघ की स्थापना की गई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" की स्थापना को वर्ष 2025 में सौ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।
संघ का कार्य किसी की कृपा से नहीं, केवल संघ के कार्यकर्ताओं के परिश्रम, त्याग, बलिदान के आधार पर तथा समाज के लगातार बढ़ते समर्थन से और सर्वशक्तिमान श्री परमेश्वर के आशीर्वाद से सतत बढ़ता आ रहा है। अनेक विरोध, अवरोध और संकटों को पार कर संघ का व्याप, शक्ति और प्रभाव लगातार बढ़ता रहा है। इसलिए संघ की चर्चा भी सर्वत्र होती दिखती है। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार की दृष्टि बहुत स्पष्ट थी कि संघ समाज में एक संगठन के नाते नहीं, बल्कि समूर्ण समाज का संगठन है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। इसकी कार्यपद्धति भी अनूठी है। यह संगठन हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज के लिए समर्पित है।उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में पौरूष और पराक्रम का जागरण विजयादशमी के पावन पर्व पर होता है। उन्होंने बताया कि जब तक प्रखर राष्ट्रभक्ति नहीं होगी तब तक राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन में श्री ओम प्रकाश चौबे जी कहा कि आरएसएस अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर बढ़ रहा है। भारत विश्व गुरु एक दिन जरूर बनेगा। इन्होंने उपस्थित लोगों को विजयादशमी उत्सव की शुभकामना देने के साथ राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग का आह्वान किया।इस अवसर पर संपत, आसन ग्रहण, शस्त्र पूजन, ध्वजारोहण, प्रार्थना सामूहिक गीत, अशीर्वचन, अमृत वचन, एकल गीत हुए।इस कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख चन्द्रशेखर जी थे। प्रार्थना नगर सम्पर्क प्रमुख श्री संतोष जी द्वारा किया गया।इस अवसर पर मा.सह नगर संघचालक श्री परमेश्वरनश्री, विभाग प्रचारक श्री तुलसीराम, जिला कार्यवाह हरनाम, नगर प्रचारक विशाल के साथ विभाग, जिला व नगर कार्यकारिणी के दायित्वधारी कार्यकर्ता, स्वयंसेवक व विचार परिवार के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपरोक्त जानकारी प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन द्वारा दी गयी।
इनसेट
इसी क्रम में बुधवार की सायँ 5 बजे से रामपुर उदयभान स्थित डॉ. रामविचार रामरति सरस्वती बालिका विद्यालय के परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर के सायँ कार्य विभाग द्वारा विजयादशमी व घोष पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन के जिला संयोजक श्री राम कुमार तिवारी व अध्यक्ष के रूप में जिला सेवा प्रमुख डॉक्टर संतोष तिवारी उपस्थित थे। सर्वप्रथम मां दुर्गा, भगवान राम, भारत माता, डॉ हेडगेवार, श्रीगुरुजी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करने के बाद घोष पूजन किया गया। बच्चों द्वारा योग-आसन और यष्टि के प्रयोग के बाद मुख्य अतिथि विजयादशमी उत्सव के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए भगवान राम के वनगमन से लेकर आतातायी रावण के वध तक के घटनाओं को बताया और कहा कि विजयादशमी उत्सव शक्ति उपासना का भी दिन है। यह शौर्य का दिन है।अंत में प्रार्थना के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।मुख्य शिक्षक विवेक थे। परिचय श्रेयांश द्वारा व प्रार्थना बाल्मीकि द्वारा कराया गया।इस अवसर पर सत्यव्रत सिंह, विशाल, अम्बरीष शुक्ल, मारुति नन्दन, विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती उमा सिंह जी के साथ अन्य बन्धु भगिनिया उपस्थित थीं।उपरोक्त जानकारी प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन द्वारा दी गयी।
Social Plugin