बलिया। हिंदू धर्म में मुंडन की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। किसी भी शिशु का मुंडन संस्कार ज्यादातर पवित्र धार्मिक स्थलों पर किया जाता है। माता के गर्भ से जन्म लेने के पश्चात शिशु के सिर के जो बाल होते हैं, उन्हें हटाने को मुंडन संस्कार कहा जाता है। मुंडन संस्कार करवाने के पीछे भी कई मान्यताएं और तर्क हैं। नवजात शिशु का मुंडन संस्कार के पीछे धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी माना जाता है। इसी क्रम में बुधवार को गुप्त नवरात्रि का प्रथम दिवस पर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक बालेश्वर लाल जी के प्रपौत्र एव प्रदेश अध्यक्ष सौरभ कुमार के पौत्र आरुष का मुंडन संस्कार बलिया जिले के उजियार घाट में गंगा के किनारे सकुशल व सोल्लास पूर्वक वातावरण में सम्पन्न हुआ। प्रदेश अध्यक्ष के छोटे पुत्र अम्बुज के पुत्र आरुष एवं माता का नाम ऋतुराज है।इस अवसर पर परिवार के सभी सदस्यों, नातेदार रिश्तेदार व इष्ट मित्र उपस्थित रहे। गाजे बाजे महिलाएं के गीत के बीच व पतित पावनी गंगा के किनारे मनोरम दृश्य रहा।आरुष के फुआ शीबू एवं रिद्धि उपस्थित रही।
रिपोर्ट :-- ज्ञान प्रकाश
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