रिपोर्टे ज्ञान प्रकाश बलिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय प्रभारी सचिव/सिविल जज (सी0डि0) सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया है कि 26 जनवरी को राजपथ नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में लोक अदालत से संबंधित एक "मुट्ठी आसमा" विशेष झांकी का प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें थीम, गरीबों तथा समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए भरोसा दृढ़ निश्चय तथा आशा का प्रतीक है। विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन समाज के कमजोर वर्गों को मुक्त एवं सक्षम विधिक सेवाओं को प्रदान करने के लिए, ताकि आर्थिक या किसी भी अन्य कारणों से कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रहे तथा लोक अदालत का आयोजन करने के लिए किया गया है। जिससे कि न्यायिक प्रणाली समान अवसर के आधार पर सबके लिए न्याय सुगम बना सके।
लोक अदालत कानूनी विवादों का सुलह की भावना से न्यायालय से बाहर समाधान करने का वैकल्पिक विवाद निष्पादन का अभिनव तथा सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है, जहां आपकी समझ बूझ से विवादों का समाधान किया जाता है। लोक अदालत सरल एवं अनौपचारिक प्रक्रिया को अपनाती है तथा विवादों का अविलंब निपटारा करती है। इसमें पक्षकारों को कोई शुल्क भी नहीं लगता है लोक अदालत से न्यायालय में लंबित मामलों का निष्पादन होने पर पहले से भुगतान किए गए अदालती शुल्क को भी वापस कर दिया जाता है। लोक अदालत का आदेश/फैसला अंतिम होता है जिसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत से मामले के निपटारे के बाद दोनों पक्ष विजेता रहते हैं तथा उनमें निर्णय से पूर्ण संतुष्टि की भावना रहती है इसमें कोई भी पक्ष जीतता या हारता नहीं है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने जन जन के दर तक न्याय की इस तीब्रतर प्रणाली को पहुंचाया है और अदालतों का बोझ बड़े पैमाने पर घटाया है। 2021 में आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालत में एक करोड़ पचीस लाख से ज्यादा मामलो का निपटारा किया गया है।
Social Plugin