अधिवक्ताओं के बीच आकर हमेशा सीखने को मिला: मस्त
(बलिया) क्रिमिनल एंड रेवेन्यू बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह बार भवन के सभागार में शुक्रवार को आयोजित किया गया। जिसमें नवनिर्वाचित पदाधिकारियों व सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि सांसद विरेंद्र सिंह मस्त व विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, बार काउंसिल के सदस्य अरुण कुमार त्रिपाठी सहित अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर चुनाव अधिकारी हरेंद्र सिंह ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ निर्भय नारायण सिंह को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके उपरांत अध्यक्ष डॉ निर्भय नारायण सिंह ने समस्त निर्वाचित पदाधिकारी व कार्यकारिणी के सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि लोकतंत्र में अधिवक्ता व उनका संगठन का होना बहुत जरूरी है। अगर कोई संगठन अपने से जुड़े लोगों के लिए न्याय दिलाने का काम करता है, तो वह बहुत ही सराहनीय है। कहा कि यह न्याय का मंदिर है। अधिवक्ताओं के कार्यक्रम में जब भी आता हूं कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। न्यायपालिका की देन है कि आज लोकतंत्र जीवित है। अधिवक्ता को मोवक्किल का प्रवक्ता नहीं माना जाना चाहिए। बल्कि अधिवक्ता को राष्ट्र निर्माता माना गया है। विधायिका और कार्यपालिका पर भले ही शंका हो, लेकिन आज भी न्यायपालिका पर शंका नहीं किया जा सकता। समाज और तिजारत दोनों का अलग-अलग काम है। जहां तिजारत लाभ खुलता है वही समाज लाभ के चक्कर में कभी नहीं पड़ता बल्कि निस्वार्थ सेवा करता है वही अधिवक्ता है। यहां तो हथियार बेचने के लिए खून हो रहा है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि अधिवक्ता की लड़ाई लड़ने वाले संगठन के पदाधिकारी अपने अधिवक्ता समाज के लिए भी कुछ समय दें। जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो। वर्तमान परिवेश में कोरोना के संक्रमण काल मे अधिवक्ताओं जो कुछ खोया है। इसके लिए सरकार को सोचना चाहिए, अधिवक्ता की बेहतरी के लिए कुछ करने की जरूरत है। इस मौके पर बार काउंसिल के सदस्य अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि अधिवक्ता हितों के लिए मैंने अब तक संघर्ष किया है। मैं चाहूंगा कि संगठन के लोग अपनी एक एक समस्या बार काउंसिल व सरकार तक जरूर भेजें। जिससे कि उसका समय से निदान कराया जा सके। कानून जानने वाले ही किसी भी पार्लियामेंट में जाने चाहिए। जिससे कि कानून बनाने में कभी कोई दिक्कत ना आए। कहा कि पहली बार सपा के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के लिए फंड यानी बजट की व्यवस्था की थी। वर्तमान में जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच लाख रुपये अधिवक्ताओं को देने के लिए कहा है। लेकिन अब तक इसमें कोई गाइडलाइन बार काउंसिल को शासन से नहीं मिला है। इसी क्रम में एडीजे तृतीय हुसैन अहमद अंसारी ने कहा कि अधिवक्ता हमेशा आगे बढ़कर राष्ट्र को नया रास्ता दिखाने का काम करता है। अधिवक्ता अगर सुबह से शाम तक किसी के लिए कार्य करता है तो वह सिर्फ सेल्फलेस होकर करता है। यहां तक कि रात में भी अधिवक्ता जब जग कर अपने मुवक्किल का ही काम करता है। ऐसी व्यवस्था है कि कोर्ट आफ कानटेम्ट में केवल अधिवक्ता को नहीं, बल्कि वह करवाई अधिवक्ता और न्यायिक अधिकारी किसी पर भी होनी चाहिए। इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कहा कि मैं भी पहले अधिवक्ता हूं उसके बाद ही न्यायिक अधिकारी हूं। इस मौके पर शपथ ग्रहण करने वालों में उपाध्यक्ष पीयूष प्रकाश सिंह, राम जी चौबे, बार के महामंत्री के पद पर हरदयाल और कमलेश यादव, अखिलेश कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र गुप्ता, मनोज तिवारी आदि प्रमुख रहे। दी सिविल बार के अध्यक्ष अंजनी कुमार पांडेय, क्रिमिनल बार के अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा पूर्व क्रिमिनल बार के अध्यक्ष सुभाष चंद्र श्रीवास्तव,जेपी सिंह, अभिमन्यु सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन कौशल कुमार सिंह ने किया।
रिपोर्ट :--- मोo अहमद हुसैन "उर्फ जमाल आलम
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