मिशन-शक्ति के तहत मिला सम्मान तो बढ़ा उत्साह।
- कोरोना के पहले मरीज का लिया था सैंपल।
- जनपद के सभी लैब टेक्नीशियन को मरीजों की सैंपलिंग और पीपीइ किट के उपयोग के लिए किया था प्रशिक्षित।
बलिया, 17 सितंबर 2021
जिलाधिकारी ने विगत 21 अगस्त को गंगा बहुउद्देशीय सभागार में जिला माइक्रोबायलाजिस्ट (ए०ई०एस० / जेई०) प्रियंका कुमारी को मिशन-शक्ति के तहत सम्मानित किया था। उन्होने प्रियंका कुमारी के कार्य की सराहना करते हुये कहा कि प्रियंका कुमारी ने कोरना काल के मुश्किल समय में अपने कार्य को कुशलता पूर्वक अंजाम दिया है तथा जनमानस की सेवा की है। इस पुरस्कार से उन्हें आत्मबल और शक्ति मिलेगी, जिससे वह उत्कृष्ट कार्य कर सकेंगी।
प्रियंका कुमारी जिला अस्पताल में सेंटीनल लैब में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि मैंने 24 अक्टूबर 2018 को जिले में कार्यभार ग्रहण किया था। मेरी भूमिका कोरोना काल में माइक्रोबायोलाजिस्ट के तौर पर रही । मैंने कोरोना के पहले मरीज का सैम्पल जो कि फरवरी 2020 में बलिया में चीन से आया था एकत्रित किया था, साथ ही कोरोना के मरीजों की सैंपलिंग और पीपीइ किट का उपयोग कैसे करते हैं, इसका प्रशिक्षण सभी लैब टेक्नीशियन को दिया था। मुझे पहले भी कोरोना काल में सराहनीय कार्य के लिए पूर्व जिलाधिकारी महोदय, के द्वारा विकास भवन में (15 अगस्त 2020) को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है । वर्तमान में मैं जिला अस्पताल के सेंटीनल लैब में डेंगू, चिकनगुनिया तथा जे०ई० मरीजों का परीक्षण कर रही हूँ।
हौंसलों की ऊँची उड़ान :
लगभग 3 वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मिशन-शक्ति के तहत सम्मान पाने वाली प्रियंका कुमारी ने कहा कि जिला स्तर पर प्राप्त सम्मान मेरे लिए तो हर्ष का विषय है ही यह जिला अस्पताल के लिए भी गौरवपूर्ण है । यह सम्मान मेरा नहीं सभी सहकर्मियों का है । उन्होंने कहा - जब भी सम्मान मिलता है तो उत्साह बढ़ता है और एक नई जिम्मेदारी का एहसास दिलाता है कि आगे आने वाले समय में अपने कार्य के प्रति और सजग रहना है। उन्होंने बताया मुझे हमेशा अपने सहकर्मियों और विभाग के अधिकारियों से प्रोत्साहन मिलता रहता है, जिससे कार्य करने में रुचि बढ़ती है। मैं सभी सहकर्मियों से आज यह बात कहना चाहती हूं कि कभी भी अच्छा काम करने के लिए यह मत सोचें कि मेरी यहां ड्यूटी है या नहीं। हमेशा कुछ अच्छा करने के लिए मिले अवसर पर अपना सर्वश्रेष्ठ दें क्योंकि सम्मान और अवार्ड से कहीं आगे आत्म संतुष्टि होती है।
प्रियंका कुमारी ने कहा - आज मैं जो भी हूँ उसका श्रेय मेरे परिवार के सदस्यों को भी जाता है। मेरे पति कोरोना काल में मेरे साथ ही रहे चाहे मैं सैंपलिंग कर रही थी या कोरोना से संबन्धित कोई काम, परिवार यदि आपको पूरी तरह से सहयोग करता है तब आप दोगुनी ऊर्जा के साथ अपने कार्य में सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं। आने वाले समय में पूरी कोशिश करूंगी कि अपने स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा लोगों की सेवा करूं। अपने सहकर्मियों के साथ एक मजबूत आत्मवविश्वास के साथ कार्य करती रहूं जिससे जिला अस्पताल में मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जन-मानस के अंदर एक विश्वास कायम रहे ।
रिपोर्ट :--- ज्ञान प्रकाश
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