स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- संदीप कुमार गुप्ता)
पत्रकारिता घटनाओं का वाहक ही नहीं, नीति तथा नियति का प्रबल समर्थक भी है - विद्यार्थी
दुबहड़ (बलिया)। पत्रकारिता सत्य का गहरा अनुसंधान है। हिंदी पत्रकारिता का निर्णय न्याय प्रदान करता है। पत्रकारिता सिर्फ रचनाओं एवं घटनाओं का वाहक ही नहीं, बल्कि नीति तथा नियति का प्रबल समर्थक भी है। उक्त बातें सामाजिक चिंतक एवं गीतकार बब्बन विद्यार्थी ने पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत में कही।
उन्होंने ने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय से कहीं अधिक सेवा है। व्यवसायिक प्रतिबद्धता पत्रकारिता के मूल्यों को नष्ट करती है। निष्पक्ष एवं निर्भीक मीडिया के अभाव में स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यही कारण है कि इसे लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ की संज्ञा दी गई है। कहा कि पत्रकारों, साहित्यकारों एवं गीतकारों की सोच प्रतीकात्मक न होकर हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए। जरूरत है हिंदी पत्रकारिता दिवस अपने गौरवशाली परंपरा को बचाए रखने के उत्तरदायित्व से विमुख न हो। यही पत्रकारिता दिवस पर स्मृति शेष की प्रासंगिकता है।
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