स्वतंत्रविचार 24 ( न्यूज़ डेस्क बलिया )
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने फुटकर किराना व्यवसाइयों संग बैठक कर नियमों से कराया परिचित।-खाद्य पदार्थों के रखरखाव की दी गई विस्तृत जानकारी।-पक्के बिल से करें खरीददारी तो फुटकर व्यवसाइयों को नहीं होगी कोई दिक्कत।-नमक को खुले में रखने, अखाद्य रंगयुक्त हल्दी, नान एडिबल्स के बिक्री से बचाव की दी गई नसीहत।-लाइसेंसी दुकानदार के अनुपस्थिति में परिजनों को वादी नहीं बनाए जाने का सुझाव, शासन को किया जाएगा प्रेषित।
मऊ (उत्तर प्रदेश)।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट को प्रभावी रूप से विरोध करने के बाबत खाद्य प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण और आवश्यकतानुसार नमूना संग्रह कर जांच किया जाने का कार्य तेजी पर किया जा रहा है। ऐसे में फुटकर किराना दुकानदारों द्वारा तमाम मूलभूत समस्याओं का रोना रोया जाता है। इन विषयों को लेते हुए सहायक आयुक्त ग्रेड-1 खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंडल आजमगढ़ विनीत कुमार पांडेय द्वारा गोला बाजार स्थित किराना व्यवसाई संघ कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें किराना व्यवसायियों ने बताया कि खाद्य पदार्थों के नमूने उनसे नहीं लेकर खुद खाद्य पदार्थ की कंपनियों व प्रमुख होलसेलर एजेंसी धारकों से ही लिया जाए।
इस पर सहायक आयुक्त विनीत कुमार पांडेय ने शासन के नियमावली प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिन खाद्य पदार्थों की जनपद में निर्माण इकाई संचालित होगी नमूने वहीं से लिए जाएंगे। निर्माण इकाई नहीं होने की स्थिति में एजेंसी धारको व बड़े आढ़तियों के नमूने लिए जाएंगे। विषम परिस्थिति में ही फुटकर दुकानदारों से नमूने लिए जाएंगे। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने किराना व्यवसाई को आगाह किया कि खाद्य सामग्रियों के विक्रय हेतु रखे गए स्थानों पर साफ-सफ़ाई व अन्य चीजों का ध्यान उक्त व्यवसाई को ही करना होगा। ऐसे में संबंधित विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी किसी भी संस्थान का निरीक्षण करने और नमूना संग्रहण के लिए स्वतंत्र हैं।
इस अवसर पर उपभोक्ता प्रतिनिधि श्रीराम जायसवाल ने एक बड़ी समस्या की चर्चा करते हुए कहा कि किसी विशेष समय में यदि लाइसेंस धारक खाना खाने या अन्य आवश्यक कार्य से गया है। ऐसी स्थिति में उसका जवान बेटा जो पढ़ाई लिखाई कर अन्य क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहता है उसे नमूना संग्रहण टीम उसे वादी बना देती है। जिससे उसका भविष्य खराब हो सकता है। इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए सहायक आयुक्त विनीत कुमार पांडेय ने बताया कि निश्चित रूप से एक बड़ी समस्या है, जिससे व्यापारी का पूरा परिवार पीड़ित होता है। ऐसे में इस सुझाव को शासन को प्रेषित किया जाएगा जहां से जरूर इसमें सुधार किया जाना संभव होगा। किराना व्यवसाई संघ अध्यक्ष बृजभूषण गुप्ता ने कहाकि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बाजारों में छापेमारी के दौरान अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है। ऐसे में त्योहारों से पूर्व विभाग द्वारा मोबाइल प्रयोगशाला की गाड़ी पर्याप्त मात्रा में जनपद के प्रमुख बाजारों में उपलब्ध कराई जाए। जहां से दुकानदार भी अपने खाद्य विक्रय हेतु रखे गए खाद्य सामग्रियों की जांच करा सके।व्यापारियों की बड़ी समस्या को विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरके दीक्षित ने बताया कि यदि आप अपने दुकान में बिक्री के लिए रखे गए खाद्य सामग्रियों के पक्के बिल रखते हैं तो आपको बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है। उक्त खाद्य सामग्री का नमूना फेल हो जाने पर संबंधित थोक विक्रेता व निर्माता कंपनियां ही वादी मुकदमा बनेंगे। इस प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अधिकारियों ने व्यापारियों दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बगैर पक्के बिल के कोई भी सामग्री न रखें अन्यथा आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बैठक में व्यापारियों के सवालों का जबाब देते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारी जयहिन्द राम ने नमूना संग्रहण की श्रेणियों, रामानन्द ने ख़रीददारी की जागरूकता, बिन्दु पाण्डेय ने खाद्य पदार्थों के रखरखाव पर विस्तृत प्रकाश डाला, जिन्होंने ने आगाह किया कि नमक की बारी किसी भी सूरत में खुले स्थान में न रखें।। वहीं खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश राय ने रंगयुक्त खड़ी हल्दी, नान एडिबल्स खाद्य सामग्रियों व खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज यादव ने खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंगों के मिलावट व प्रयुक्त सामग्रियों के विषय मे विस्तृत जानकारी दिया।इस अवसर पर मऊ किराना व्यापारी संघ अध्यक्ष बृजभूषण गुप्ता, उपभोक्ता प्रतिनिधि श्रीराम जायसवाल, हरिशंकर जायसवाल, राजीव कुमार, सुखनन्दन मौर्या, अशोक गुप्ता, विशाल, रामबचन गुप्ता, पारसनाथ गुप्ता, गणेश प्रसाद, जफरुलहसन, कृष्णकुमार जायसवाल, आलोक कुमार बरनवाल, सुभाषचन्द काफी बड़ी सँख्या में किराना व्यवसाई उपस्थित रहे।-------
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