स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- ओम प्रकाश वर्मा)
रामलीला मे मुनि आगमन, तड़का वध का सजीव मंचन देख दर्शक हुए भाव विभोर।
नगरा (बलिया)। सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा जनता इंटर कालेज के मैदान आयोजित ऐतिहासिक रामलीला में गुरुवार को मुनि आगमन, ताड़का वध की लीला का मंचन किया गया।कलाकारों का अभिनय मंचन देख दर्शक भाव-विभोर हो गए। मंचित लीला के अनुसार महर्षि विश्वामित्र चक्रवर्ती नरेश राजा दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने उनके महल पहुंचे। महर्षि ने राजा दशरथ से कहा कि राजन ताड़का नाम की राक्षसी से पूरा समाज भयभीत है। वह जप तप यज्ञ इत्यादि नहीं करने देती है। इसलिए यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को लेने आया हूं। यह सुनते ही राजा दशरथ दुखी हो गए और कहा कि मुनिवर मेरे राम व लक्ष्मण बहुत कोमल व सुकुमार हैं, भला ताड़का जैसी राक्षसी का कैसे वध करेंगे? ऋषिवर मैं स्वयं आपके यज्ञ की रक्षा के लिए चलूंगा, लेकिन राम व लक्ष्मण को नहीं जाने दूंगा। राजा दशरथ की बात सुन महर्षि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और बोले कि मैं तुम्हारी अयोध्या नगरी को भस्म कर दूंगा। उसी समय वशिष्ठ मुनि आते हैं और विश्वामित्र को शांत कराते हुए राजा दशरथ को समझाते हैं कि राम लोक कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं। इसलिए इनको महर्षि विश्वामित्र के साथ जाने दीजिए। राजा दशरथ राम व लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ विदा करते हैं। भगवान राम रास्ते मे ही ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं। ताड़का का वध करते ही रामलीला प्रांगण जय श्रीराम के नारे से गुंजायमान हो उठा। रामलीला का शुभारम्भ गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल कायम करते हुए समाजसेवी डॉ आवैस असगर व मो आसिफ ने भगवान राम का आरती पूजन कर किया। इसके बाद समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। थानाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ दूबे मय फोर्स लीला समाप्त होने तक डटे रहे।
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