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नारद मोह ने लोगों का मन मोहा।

 

स्वतंत्रविचार 24 (रिपोर्ट :-- ओम प्रकाश वर्मा)

नारद मोह ने लोगों का मन मोहा।

नगरा (बलिया)।
सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वाधान में जनता इंटर कालेज के मैदान में आयोजित रामलीला में मंगलवार को चित्रकूट से आए कलाकारों द्वारा नारद मोह का मंचन किया गया। लीला मंचन के अनुसार नारद की तपस्या को देख देवराज इंद्र को अपना सिंहासन हिलता महसूस होता है। ऐसे में देवराज इंद्र नारद की तपस्या भंग करने के लिए कामदेव को भेजते हैं लेकिन कामदेव अपने चाल में कामयाब नहीं होते हैं और नारद से पराजित हो जाते है। भगवान विष्णु समझ जाते है कि नारद को घमंड हो गया है। उनकी मंशा भाप भगवान विष्णु नारद का पूरा शरीर तो सुंदर बना देते हैं किन्तु मुंह बंदर का दे देते है। हर्ष से पुलकित नारद विश्वमोहिनी के सामने पहुंचते हैं। वे विश्वमोहिनी के आगे पीछे घूमने लगते हैं। जब विश्वमोहिनी की नजर पड़ती है तो वह उनके मुख के बनावट को देख ठहाका लगाकर हंसने लगती है। अपने साथ छल की बात सोच नारद जब पानी में झांककर अपना मुख देखते हैं तो उन्हें गुस्सा आता है और विष्णु को शाप दे देते हैं और कहते हैं कि हे विष्णु अगर मुझे बानर मुख दिया है तो यही बानर आप अपने पत्नी के वियोग में धरा पर भटकोगे तो आपको सहयोग करेंगे। इसके बाद भगवान अपनी माया खींच लेते हैं और नारद को अपने भूल का अहसास होता है। रामलीला के  बीच में राधा कृष्ण, शंकर पार्वती की झाकियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। लीला का उद्घाटन पूर्व प्रधान सूर्यनाथ पांडेय उर्फ पुआ बाबा ने भगवान की आरती उतार कर किया। इस मौके पर रामलीला समिति द्वारा मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। राजेश गुप्ता, रामायण ठाकुर, ओके जायसवाल, राजबहादुर सिंह अंशु, मुन्ना गोड, महेश वर्मा, राजू चौहान आदि व्यवस्था की देखरेख में जुटे रहे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस मौजूद रही।