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लेखनी को धार देने वाला बन गया दूर का मुसाफिर।

 



- कलम के सिपाही विद्यासागर तिवारी के निधन से पत्रकारिता जगत मर्माहत।

सिकन्दरपुर(बलिया) : जिंदगी के सफर में ठिकाना नहीं कि इंसान कब दूर का मुसाफिर बन जाय। पत्रकारिता जगत को नया आयाम देने वाले विद्यासागर तिवारी भी आज दूर के मुसाफिर बन गए। पीछे छोड़ गए तो आसमां सरीखा अपना व्यक्तित्व व कृतित्व जो आज के पत्रकारों के लिए मील का पत्थर ही साबित होगा। क्षेत्र के पत्रकारों की शनिवार की शाम यहां बस स्टेशन चौराहा के समीप हुई में बैठक में उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालने के क्रम में शब्द भी कम पड़ जा रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार मुश्ताक अहमद ने दैनिक जागरण व अमर उजाला के बलिया जनपद के ब्यूरो चीफ रहे जनपद के पुरास गांव निवासी विद्यासागर तिवारी के निधन को अपूरणीय क्षति बताया। कहा उन्होंने बलिया की पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया। उनके निधन से हुई रिक्तता की भरपाई कत्तई संभव नहीं। बैठक में शोक प्रस्ताव पारित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही दो मिनट मौन रह कर गतात्मा की शांति और परिजनों को सहन शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की गई।
बता दें कि विद्यासागर तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने माता-पिता की सेवा को प्राथमिकता दी और पत्रकारिता को अपेक्षित मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया।  मऊ से पत्रकारिता क्षेत्र को अलविदा कहने के बाद वह अपने बच्चों संग बंगलुरु में रहने लगे। पैतृक गांव पुरास से उन्हें विशेष लगाव था जिसके चलते बलिया आते-जाते रहते थे। वह गांव के प्रधान भी रहे।बैठक में डॉ बालकृष्ण यादव,सुमन्त मिश्र,अशोक कुमार पाण्डेय, जितेन्द्र राय,शैलेन्द्र गुप्त आदि पत्रकार मौजूद रहे।

रिपोर्ट :-- ज्ञान प्रकाश